Wednesday, April 7, 2010

मीडिया के लिए दंतेवाडा से अधिक सानिया की शादी महत्वपूर्ण

नक्सलियों ने ७६ जवानों को ६ अप्रेल को घेर कर मार दिया. ७६ जवान इस हमले में शहीद हो गए. संबवतः यह भारत में नक्सलियों का सुरक्षाबलों पर यह सबसे बड़ा हमला है. दंतेवाडा का यह हमला ना केवल हमारे ख़ुफ़िया तंत्र कि नाकामी उजागर करता है अपितु इस हमले के बाद कठपुतली सरकार में बेठे गुड्डे गुड़ियों के बीच सामंजस्य कि कमी को भी उजागर करता है. सरकार नक्सलियों के प्रति कितनी गंभीर है इसका पता घटना के बाद सभी गुड्डों के अलग अलग बयान से ही जाहिर हो जाता है. प्रधान गुड्डे को किसी भी प्रकार की रणनीति का पता ही नहीं है, गृहमंत्री गुड्डा कभी कुछ तो कभी कुछ कहता है और इन गुड्डों कि कमान जिन हाथों में है वो कुछ कह ही नहीं रही है.
इतने भीषण नरसंहार के बाद जनता में आक्रोश भर जाना चाहिए था पर हमारे मनोरंजक खबरिया चेनलों ने जनता के आक्रोश को संयमित करने का बीड़ा उठाया. ६ अप्रेल को यह वीभत्स घटना हुई. परन्तु सभी चेनलों ने इस खबर को ज्यादा अहमियत ना देकर शोएब और सानिया कि शादी कि ख़बरों को ना केवल प्रमुखता से अपितु इसे खबर को बार बार अपने मनोरंजक चेनल पर चलाये रखा. जनता को दंतेवाडा कि ख़बरों से दूर रखा कर बन्दर बंदरिया का नाच दिकाया जाता रहा ताकि शहीदों कि शहादत पर देश में आसूं ना बह जाएँ कहीं किसी हिंदुस्थानी का खुल ना उबाल मार जाये.
बार बार हम लोग इन चेनलों को कोसते रहते हैं कि ये ख़बरों से ज्यादा मसाले प्रसारित करते हैं. परन्तु में मानता हूँ कि जो ये कर रहे हैं वो सही है. नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर पहली बार तो हमला किया नहीं और जैसे हालात हैं भविष्य में ऐसे और भी हमले होते रहेगे. पर शोएब आयशा और सानिया कि शादी पर विवाद तो एक ही बार होना है दुबारा नहीं होगा. जो घटना एक ही बार होनी है वो मुख्या घटना है. टीवी सेरिअलों में कल क्या हुआ यह बताना ज्यादा जरूरी है क्योंकि जिसने यह एपिसोड नहीं देखा उसका क्या होगा. और दंतेवाडा में आखिर हुआ ही क्या है १००० से ज्यादा नक्सलियों ने मिलकर सिर्फ ७६ जवान मार दिए. यह भी कोई खबर है. ना कोई मसाला ना कोई हंगामा.
७६ जवानों कि शहादत पर सारी  कठपुतलियां चुप हैं, बोलने के लिए करने के लिए कुछ है ही नहीं, कठपुतली कि डोर थामने वाली को तो खैर कोई फर्क पड़ता ही नहीं, मीडिया के पास इस घटना के लिए समय है ही नहीं उनके सारे पत्रकार हेदराबाद में सानिया के घर के सामने बेठे हैं. ७६ जवान शहीद हो गए किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता. 
बस मुझ जैसे कुछ बेवकूफ हैं जो गुस्सा हैं. पर गुस्सा किस बात का है यह भी हम तय नहीं कर पा रहे हैं. हमारे ७६ जवान शहीद हो गए इस बात का, नक्सलियों ने मारा इस बात का, सरकार कुछ कर नहीं रही इस बात का, मीडिया ने इस खबर से किनारा कर २ बंदरों कि शादी को महत्व दिया इस बात का या शायद हमें गुस्सा है अपने आप पर कि हम कुछ नहीं कर पा रहे है. 
इस घटनाक्रम ने हमारे संवेदनहीन मीडिया और सरकार की वास्तविकता सारे देश के सामने ला कर रख दी है. कभी कभी मुझे ऐसा भी लगता है की में ही अति संवेदनशील व्यक्ति हूँ, सरकार और मीडिया को कोई फर्क नहीं पद रहा आम आदमी सोच नहीं रहा में मुफ्त में बी.पी. बढा रहा हूँ. 
दंतेवाडा में जो भी हुआ वह दर्दनाक था परन्तु उसके बाद जो हुआ वह शर्मनाक.

5 comments:

----- श्रेष्ठ भारत ----- said...

मिडिया क्या है ? ब्रांड "फर्जी एकतागिरी" अखिल भारतीय एकता नेटवर्क और हिन्दू कुचल (बर्बादी) संघ ! मेंबर - ये प्रणव रॉय, वृंदा करात, स्वामी अग्निवेश, ममता, केरला नेता, प्रकाश, करात, लालू, अरुंधती रॉय, जावेद अख्तर, शबाना आजमी, आमिर खान, दिलीप कुमार, शाहरुख़ ( ...ए. ए. ए. ए. एंडीया ) , महेश भट्ट ( आधा पाकिस्तान से आधा "इंडिया" से ) हाश्मी, कारण जोहर, बरखा दत्त, काजोल.. आदि तथाकथित देश भक्त है और ये एक परिवार है, अखिल परिवार जो देश में धार्मिक सोहार्द्य की बाते करता है , स्वंतंत्र, देश भक्त मिडिया जेसे हेडलाइन टुडे, एन डी टी वी - देश की आवाज, वगेरह वगेरह..
.नोट: बॉलीवुड वाले तो अलग तरह के देश भक्त होते है जब बात विदेशी ब्रांड, कोक , पेप्सी, केडबरी, पेप्सोडेंट, कोलगेट, सोनी, मिरिंडा, मेंगोला, ली कूपर, वोक्स वेगन, हुंडई, सेमसंग, थम्स अप, फेंटा, वेंटा, के विज्ञापन की हो तो देश भक्ति भूल जाते है शायद जावेद अख्तर और शबाना आजमी इन बातों को ज्यादा महत्व की नहीं मानते ! उनके लिए तो दुनिया ग्लोबल हो रही है और इंडिया के ऊपर राज करती है ! खैर नीचे पढ़िए !

----- श्रेष्ठ भारत ----- said...

सुजाना "अरुंधती रॉय" प्रणव रॉय ( NDTV - ceo ) की भतीजी है, प्रणव रॉय ने शादी की राधिका रॉय से, राधिका रॉय वृंदा करात की बहन है , वृंदा करात ने शादी की प्रकाश करात ( CPI - वामपंथी ) से ..........aur वरिष्ठ नेता है सीताराम येचुरी ( member of... Politburo and Parliamentary Group लीडर ) सीताराम येचुरी ने शादी की सीमा चिस्थी से, सीमा चिस्थी इंडियन एक्सप्रेस समूह की एडिटर है , कारन थापर जो आई टी वी. चलते है उनके साथ पटती है, आई टी वी बी बी सी के लिए शो का निर्माण करती है, कारन थापर, जिसने सिर्फ हिन्दुओ को निचा दिखाने की कसम खायी है, नर्सिमराम हिन्दू ग्रुप के एडिटर इन चीप है ने मरियम से शादी की (N.Ram, Jennifer Arul and K.M.Roy participated in closed door Catholic Bishops Conference of India in Thrissur, Kerala.Jennifer Arul is the Resident Editor and Bureau Chief in South India for NDTV.) और डा. जोन दयाल अखिल भारतीय इसाई संघठन के उपाध्यक्ष है, और अध्यक्ष है जोसेफ डी सुजा, जोसेफ डी सुजा ने दलित आजादी की स्थापना की, एस राजशेखर रेड्डी (कोंग्रेसी ) आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे उनकी बेटी शर्मीला शर्मीला ने शादी की अनिल कुमार, श्रीमान अनिल कुमार जी शादी के बाद इसाई धर्म में बदल ( convert ) गए, और "अनिल वर्ल्ड इनजिलवाद" की स्थापना की, और एक्टिवे एन्जल्वादी है,राजशेखर रेड्डी के सुमुत्र जगमोहन रेड्डी ( ना जाने वे कब इसाई बनेंगे - सभी मिशनरी उनके पीछे पड़े है लेकिन वे सिर्फ डेट देते है Harmony and Democracys (ANHAD) के लिए कार्य करते है , जिसका ट्रस्टी है शबनम हाश्मी , के एन पनिकर, next ....

----- श्रेष्ठ भारत ----- said...

हर्ष मन्डर मुख्य... ट्रस्टी है, पनिकर भारतीय मार्क्सवादी इतिहासकार है ( मार्क्सवादी इतिहासकार का काम राणा प्रताप गुण बदल देना, अकबर महान थे, औरंगजेब महान थे, शिवाजी के गुण केसे थे, उन्हें बदल देना, हलाकि वे किताबे अभी पश्चिम भारत में उपलब्ध नहीं है, और सोमनाथ को देश भक्त करार देना ) हर्ष मन्डर मानवाधिकार आयोग ( मानवाधिकार आयोग = ऐसे मानव मानव होते है जो वामपंथी या फिर अल्पसंख्यक है भले ही मदनी, कसब, गुरु. हिन्दुओ, deshbhakto ke ऊपर मानवाधिकार आयोग लागु नहीं होता) के कार्यकर्त्ता है,

----- श्रेष्ठ भारत ----- said...

हर्ष मन्डर श्रीमान अजित जोगी (कोंग्रेसी , चतीसगड के सबसे साफ और पवित्र छवि वाले मुख्यमंत्री) के करीबी थे, ऐसा मन जाता है की वे मुख्यमंत्री बने सिर्फ एक शर्त पर अगर वे इसाई धर्म स्वीकार करते है इन पढ़े लिखे और मिशनरियों से बचिए आप लोग ! मीडियाई कुत्तो से सावधान ! बहस के कार्यक्रमों में हिन्दू , बी जे पी के नेताओ को बोलने का मौका नहीं देते है, पैसा डेकर वामपंथियों को तालिय बजने के लिए आमंत्रित करते है ये चेनल, ताकि हिन्दू ये समझे की बजरंग, रामदेवजी, विश्व हिन्दू परिषद् बकवास है और इनके साथ चलो, देश की एकता वगेरह वगेरह....अगर ये लोग देश के साथ होते तो श्री अब्दुल कलाम को समर्थन देते, उनके बारे में इतिहास में गलत नहीं लिखते, वामपंथी बीमारी से बचे ! वन्दे मातरम

Eti Sharma said...

I agree..