Friday, February 26, 2010

AIDS COMPAIGN

AIDS एक लाइलाज बीमारी. एड्स एक संक्रामक रोग है जो एक संक्रमित व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति को होता है. यह अन्य संक्रमणों से थोडा भिन्न है. एड्स छूने से, खांसने से या चीकने से नहीं होता. एड्स संक्रमित व्यक्ति के साथ योन सम्बन्ध बनाने से, संक्रमित रक्त चढाने से, संक्रमित माँ से उसकी कोख में पल रहे बच्चे को, संक्रमित सुई लगाने से होता है.
मैंने तो एड्स के बारे में यही सीखा है. परन्तु पिछले कुछ दिनों से मैं असमंजस कि स्थिति में हूँ. स्वास्थय विभाग ने कुछ नए विज्ञापन शुरू करें हैं. जिनमे लोगों को सलाह दी जा रही है कि हर गर्भवती स्त्री को, टी. बी. के मरीज को और सभी को अपना एड्स टेस्ट कराना चाहिए. सरकार क्या कहना छह रही है मेरी समझ के बाहर है. यदि एड्स के संक्रमण के जो कारण मेनें उपर लिखे है सही है तो एड्स कि जांच उस व्यक्ति को करानी चाहिए जिसका शरिरिर्क सम्बन्ध ऐसे  व्यक्ति से है जिसे एड्स है या फिर उसे एड्स होने कि संभावना है, जिस व्यक्ति ने कभी किसी कारनवश खून चढ़वाया हो या किसी व्यक्ति को संदेह हो कि उसे प्रयोग कि हुई सुई लगाईं गई है. एड्स संक्रमण का मुख्या कारण योन संबंध हैं. 
एड्स से बचाव के लिए आज तक जितने भी पचार किये गए है उन्होंने एड्स के प्रति जाग्रति फेलाने कि अपेक्षा भ्रांतियां ही फैलाई हैं. और कभी कभी तो ऐसा भी लगता है कि एड्स का नाम लेकर पश्चिमी संस्कृति कि ओर धकेला जा रहा है. मैं कुछ भ्रांतियां जो इन विज्ञापनों ने फैलाई हैं उन पण ध्यान खीचना चाहूँगा. :
१.  एक से अधिक व्यक्तोयों से शारीरिक संबंध बनाने से एड्स होता है:- एड्स एक संक्रमण है जो संक्रमित व्यत्क्ति के साथ सम्बन्ध बनाने से होता है नाकि असंक्रमित अनेक व्यक्तियों से शारीरिक संबंध बनाने से. एक से अधिक या अपने जीवनसाथी के अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति से किसी भी प्रकार का शारीरिक संबंध अवैध है, ऐसे संबंध समाज के लिए, उस व्यक्ति के लिए खतरनाक हैं. ऐसे किसी भी संबंध को किसी भी प्रकार कि सामाजिक मान्यता नहीं मिल सकती.
२. प्रत्येक व्यक्ति को HIV test अवश्य करवाना चाहिए :- एड्स कि जांच उस व्यक्ति को करानी चाहिए जिसका शरिरिर्क सम्बन्ध ऐसे  व्यक्ति से है जिसे एड्स है या फिर उसे एड्स होने कि संभावना है, जिस व्यक्ति ने कभी किसी कारनवश खून चढ़वाया हो या किसी व्यक्ति को संदेह हो कि उसे प्रयोग कि हुई सुई लगाईं गई है. क्या ये विज्ञापन ये कहना छह रहे हैं कि भारत में प्रत्येक व्यक्ति अवैध सम्बन्ध बनाता है.
३. टी. बी. से ग्रसित व्यक्ति और गर्भवती स्त्री को HIV test अवश्य करवाना चाहिए :- क्यों? शायद स्वास्थय विभाग ही बता सकता है.
एड्स अभियान शुरू से ही भ्रमित रहा है. इनके विज्ञापनों ने कभी भी अवैध या अनैतिक संबंधों कि आलोचना नहीं कि. अपितु ये कहा कि आप ऐसे सम्बन्ध बना संकते हैं बस कंडोम का प्रयोग करें. कंडोम से हम एड्स से तो बच सकते हैं परन्तु हम अपने चरित्र में आये गिरावट से कैसे बचेंगे. विज्ञापनों में यहाँ तक दिखाया गया है कि पिता अपने पुत्र को कंडोम का प्रयोग करने कि सलाह देता है. यदि वह ऐसे सलाह परिवार नियोजन या अन्य किसी कारन से उसकी बीवी के साथ संबंधों के लिए देता है तो बात कुछ हद तक समझ आती है, परन्तु पिता ये सलाह अपने पुत्र को अपने स्त्री मित्र के साथ सम्बन्ध बनाने कि लिए दे रहा है. पूरा अभियान इस सोच पर आधारित है कि लोगों को कंडोम के प्रति प्रोत्साहित करें. एड्स अभियानों में कंडोम कि बिक्री कैसे बढाई जाए इस बात पर ही ध्यान दिया जाता है. 
एड्स अभियानों ने एड्स के प्रति लोगों मैं जिज्ञासा बढाई है. साथ साथ ही इन अभियानों ने हमारे समाज में अनैतिक संबंधों को प्रतिश्धित करने एवं उनका महिमामंडन करने कि कोशिश भी कि है. इन अभियानों ने उन विचारों को भारतीय समाज में प्रतिष्ठित करने का प्रयास किया है जिन्हें हमारा समाज अनैतिक समझता है.
ऐडस के विज्ञापनों पर पुनर्विचार होना चाहिए. इन अभियानों का मुख्या उद्देश्य लोगों को एड्स के बारें में पूरी जानकारी देना होना चाहिए.

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