नरेन्द्र मोदी कांग्रेस के लिए अस्पृश्य, अछूत और भारत के सबसे बड़े खलनायक. मनीष तिवारी ने तो उनकी तुलना दाऊद इब्राहम से भी कर डाली. कांग्रेस को नरेन्द्र मोदी से इतनी नफरत है की यदि कोई व्यक्ति उनकी या गुजरात की तारीफ़ भी कर दे तो वह उनका शत्रु हो जाता है. अमिताभ बच्चन ने भी यह गलती कर दी उन्होंने गुजरात का ब्रांड अमेस्दर बनने का इरादा क्या किया की साडी कांग्रेस पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को उनके साथ एक मंच पर होने के लिए सफाई देनी पड़ी और तो और एक पुरस्कार वितरण समारोह में अशोक जी पहुंचे ही नहीं. शीला दीक्षित जिन्होंने अभिषेक बच्चन के साथ अर्थ आवर के कार्यक्रम की शुरुआत करी थी उन्होंने अभिषेक के सन्देश को ही कार्यक्रम से हटवा दिया.
कांग्रेस बार बार सदी के महानायक का अपमान कर रही है और बेशर्मी से अपने इस कृत्य के लिए सफाई दे रही है. सबसे मजेदार बात तो यह है की जिस अमिताभ बच्चन का यह कांग्रेस अपमान कर रही है उसे ही कुछ समय पहले कांग्रेस सरकार ने पद्मा पुरस्कार दिया है. क्या अमिताभ जी का कसूर सिर्फ इतना है की उन्होंने गुजरात की तारीफ़ कर दी या ब्रांड अम्बेसडर बनने की स्वीकृति दे दी. क्या गुजरात भारत का अंग नहीं है. या सिर्फ इसलिए की इस राज्य के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं.
नरेन्द्र मोदी से कांग्रेस को इतनी चिढ क्यों है. नरेन्द्र मोदी एक बार नहीं बल्कि तीन बार लगातार संवेधानिक तरीके से चुनाव लड़ कर राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं.
कांग्रेस अमिताभ बच्चन और उनके परिवार को निशाना बना कर नरेन्द्र मोदी पर हमला कर रही है. कांग्रेस हमला करते हुए नरेन्द्र मोदी या उनके शुभचिंतकों का अपमान ही नहीं कर रही अपितु सारे गुजरात और देश के संविधान का भी अपमान कर रही है. अक्सर मीडिया और कांग्रेस जन गुजरात को नरेन्द्र मोदी का गुजरात कहते हैं. जिस प्रकार कांग्रेस नरेन्द्र मोदी और उनसे मिलने जुलने वालों से अस्पृश्य जैसा व्यवहार कर रही है उससे तो ऐसा लगता है की यदि भविष्य मैं हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलते हैं तो उन्हें भी सीट छोडनी पड़ेगी.
Tuesday, March 30, 2010
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