दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम बुखारी साहब आजमगढ़ एक आतंकवादी के घर पहुंचे और मीडिया से बात की. इमाम बकरी ने बतला हाउस एन्कोउन्टर को नकली बताया और सरकार को आतंकवादियों के परिवार की मदद करने की गुजारिश भी की. मोहन चाँद शर्मा इस मुध्भेद में शहीद हुए थे उनके बारे में इमाम साहब के विचार हैं के वो साथी पुलिस वाले की गोली से ग़लती से मर गए. चलो गलती से इमाम साहब ने यह तो माना कि गोलियां चली थी. काहिर इमाम साहब का आतंकवादियों कि तरफदारी करने का ये पहला किस्सा नहीं है, इससे पहले भी कई बार वो आतंकवादियों के समर्थन में देश विरोधी बातें कर चुके हैं. इनके पिताजी ने लालकिले पर खुद को ISI का एजेंट बताया था. बुखारी जैसे लोग खाते यहाँ कि है और गाते वहां की. इन्होने मुस्लिम समाज के उठान और उसकी तरक्की के लिए आज तक कुछ भी नहीं किया. इनका काम सिर्फ देश को गाली देना और आतंकवादियों का समर्थन करना है. खैर मुझे भी क्या सुझा जो आज ऐसे बेहूदा व्यक्ति की बात कर रहा हूँ. पर क्यां करें यदि इनकी बात करें तो इनको पुब्लिसिटी मिलती है. नहीं करें तो इनका मनोबल बढ़ता है होसला बढ़ता है. दोनों ही सूरतों में ये और आग उगलते हैं. चलो मैं क्यों इस पर अपना टाइम ख़राब करून.
Thursday, February 11, 2010
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