Sunday, November 29, 2009

२६/११ नई सरकारी छूट्टी

नमस्कार,
२६/११/२००८ ऐसा दिन जो हम भारतवासी कभी नही भूल सकते। आम जनता तो इस दिन को कभी भी नही भूलेगी और हमारी सरकार भी इस दिन को नही भूलना चाहेगी। १ साल से सरकार रोज़ कुछ कुछ न कुछ ऐसा कर रही है जिससे लोगों के जहन से ये हृदयविदारक घटना न मिट पाए। १ साल में सिर्फ़ शोर, बड़े बड़े वायदे जांच कमेटियां और अजमल कासब की सरकारी मेहमाननवाजी ही हुई है। कोई भी ठोस कदम नही उठाया गया है। १ साल बाद सरकार ने दिल्ली मैं एक शोक सभा राखी है जिसमे देश के कई नामचीन हस्तिया शामिल हुई और रो रो कर उस दिन को याद किया, आसूं बहे कविता पढ़ी गयीं और कुछ करोड़ रूपये खर्च कर के सरकार ने २६/११ दिवस मन लिया। सरकार से उम्मीद थी के २६/११/२००८ के बाद कोई ठोस कदम उठाएगी उसने साल भर कुछ खास तो किया नही पर एक नया शोक दिवस बना लिया है।
मुझे आशा है अगले वर्ष से प्रत्येक २६ नवम्बर को सरकारी अवकाश घोषित किया जाएगा। देश भर में जगह जगह शोक सभाए आयोजित की जायेंगी, जहाँ बड़े बड़े सेलेब्रिटी आ कर शोक मनाया करेंगे। सरकारी बाबुओं को निर्देश होगा की ऐसे सभाओं में जा कर घदियाले आसन बाहें।
२६/११ समाज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुछ अलग ही होगा। सरकारे चोट्टी होगी लूग पिकनिक मानाने जायंगे, इससे तौरिस्म को बढ़ावा मिलेगा, जगह जगह शोक सभाए होने से नए नेता और नए सेलेब्रिटी तेयार होंगे और उन सभाओं में रोने के लिए नए नए चमचे तैयार होंगे। बच्चों के स्लेबुस मैं एक नया निबंध जुध जाएगा २६/११ दिवस।
इस दिवस पर सब कुछ होगा जो न हो तो अच्छा बस वही नई होगा जो हो तो ही अच्छा। सरकार आज दिल्ली मैं रोने का नौटंकी सभा करने की बजाये कासब को फांसी चढ़ा देती तो शायद जख्मी दिलों को कुछ रहत ही मिल जाती। पर क्यां करें राजनीती चीज़ ही ऐसे है।
गतेवय ऑफ़ इंडिया या इंडिया गेट पर रोने से आतंकवाद ख़त्म नही होगा। जब तक आतंकवादियों के दिलों में भारत का आतंक नही होगा यह हमले होते रहेंगे। आतंकवादियों को उन्हीं के भाषा में जवाब देना होगा।


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